Wednesday, November 21, 2018

मोदी के पास ही हैं सारे सवालों के जवाब| नज़रिया

विज्ञान के इस युग में जब मनुष्य की औसत आयु बढ़ रही हो, 66 वर्ष कुछ ज्यादा नहीं होते. और बात राजनीति की हो, तब तो बिल्कुल ही नहीं. पर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ऐसा नहीं मानतीं. उन्होंने इसी उम्र में चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी है.

लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले उनका यह कहना कि वे अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, अप्रत्याशित पर अपेक्षित बात लगती है. अप्रत्याशित इसलिए कि जब उनकी ही पार्टी में अस्सी और नब्बे साल के नेताओं को रिटायरमेंट शब्द से ही एलर्जी हो उनकी यह घोषणा चौंकाती तो है. अपेक्षित इसलिए कहा कि उनके स्वास्थ्य के बारे में जो जानते हैं, वे पिछले कुछ समय से ऐसी किसी घेषणा की अपेक्षा कर रहे थे.

ऐसे लोगों में पहला नाम शायद उनके पति और पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का है. सुषमा स्वराज की इस घोषणा के बाद उनके पति ने कहा कि 'एक समय के बाद मिल्खा सिंह ने भी दौड़ना बंद कर दिया था. आप तो पिछले 41 साल से चुनाव लड़ रही हैं.'

अगला लोकसभा चुनाव न लड़ने की घोषणा करके उन्होंने एक स्वस्थ्य परम्परा को आगे बढ़ाया है. हालांकि ऐसा करने वाले राजनीति में अब भी अपवाद स्वरूप ही हैं. इस तरह का पहला कदम उठाने वाले थे नानाजी देशमुख, जिन्होंने यह कह कर कि 'नेताओं को साठ साल की उम्र में रिटायर हो जाना चाहिए', रिटायर हो गए.

राजनीति की सुनील गावस्कर'
पर लाल कृष्ण आडवाणियों, मुरली मनोहर जोशियों, यशवंत सिन्हाओं और अरुण शौरियों के इस दौर में लगता है कि जिस तरह वे 25 साल की बाली उमर (राजनीति की दृष्टि से) में राजनीति में आई थीं उसी तरह बाली उमर में ही रिटायर हो रही हैं. ऐसे ऐसा करके उन्होंने अगर किसी को सबसे ज्यादा असहज किया है तो अपने राजनीतिक गुरु लाल कृष्ण आडवाणी को. पर इस एक घोषणा से सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति की सुनील गावस्कर बन गई हैं. उनसे भी लोग वही सवाल करेंगे जो गावस्कर से पूछा थ कि 'अभी क्यों'.

सुषमा स्वराज एक प्रखर और ओजस्वी वक्ता, प्रभावी पार्लियामेंटेरियन और कुशल प्रशासक हैं. एक समय था जब भाजपा में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद सुषमा और प्रमोद महाजन सबसे लोकप्रिय वक्ता थे. फिर बात संसद की हो या सड़क की. सुषमा स्वराज की गिनती भाजपा के डी(दिल्ली)-फ़ोर में होती थी. उनके अलावा बाकी तीन प्रमोद महाजन, अरुण जेतली और वेंकैया नायडू थे. भाजपा की दूसरी पीढ़ी के सभी नेताओं की तरह ये लोग भी अटल-आडवाणी और ख़ासतौर से आडवाणी के बढ़ाए हुए नेता हैं.

साल 2009 से 2014 तक लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में सुषमा स्वराज का कार्यकाल उनके संसदीय जीवन का सर्वश्रेष्ठ काल था. साल 2006 में प्रमोद महाजन के निधन और लोकसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनने के बाद माना जा रहा था कि भाजपा में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों में उन्होंने बाजी मार ली है.

इन सब ख़ूबियों के बावजूद सुषमा स्वराज कभी भाजपा की अध्यक्ष नहीं बन पाईं. इसके दो कारण थे. एक, संगठन के काम की बजाय संसदीय कार्य में उनकी रुचि ज़्यादा थी. दूसरा, इस डी-फ़ोर में वे अकेली थीं जिनकी पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की नहीं है. हालांकि उनके पिता संघ के प्रभावशाली लोगों में थे. पर उनके पति जॉर्ज फ़र्नांडिस के साथी थे जिन्हें जनता पार्टी में चंद्रशेखर और जॉर्ज फ़र्नांडिस ने बढ़ाया.

जनता पार्टी का विभाजन हुआ तो वे भाजपा में आ गईं. विभिन्न दलों में जो समाजवादी नेता हैं उनकी सहानुभूति और स्नेह सुषमा स्वराज को मिलता रहा है. अपने सहज स्वभाव से विरोधियों को निरुत्तर कर देने की उनकी क्षमता के कारण उनके पार्टी में जितने दोस्त हैं उससे कम बाहर नहीं हैं. पिछले चार दशकों में वे 11 चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं.

Tuesday, November 6, 2018

जयपुर में होगी नीलामी, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाड़ी केवल 1 मई तक उपलब्ध

बीसीसीआई या आईपीएल की ओर से किसी भी तरह की आधिकारिक सूचना टीमों को नहीं दी गई है लेकिन फ्रैंचाइजी के सूत्रों के मुताबिक, यह जानकारी उनसे गैरआधिकारिक तौर पर साझा की गई है।

विजय टैगोर, मुंबई
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्डों ने बीसीसीआई को जानकारी दी है कि उनके खिलाड़ी अगले साल आयोजित होने वाले आईपीएल में 1 मई के बाद उपलब्ध नहीं होंगे। माना जा रहा है कि ऐसा वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर किया गया है जो 31 मई से इंग्लैंड में शुरू होगा। 

बीसीसीआई या आईपीएल की ओर से किसी भी तरह की आधिकारिक सूचना टीमों को नहीं दी गई है लेकिन फ्रैंचाइजी के सूत्रों के मुताबिक, यह जानकारी उनसे गैरआधिकारिक तौर पर साझा की गई है। अन्य क्रिकेट बोर्ड ने हालांकि कोई खबर नहीं दी है लेकिन माना जा रहा है कि न्यू जीलैंड के खिलाड़ी लीग के अंत तक उपलब्ध रहेंगे।

29 मार्च से होगा शुरू! 
लीग का शेड्यूल भी अभी तक जारी नहीं किया गया है लेकिन टूर्नमेंट के अगले साल 29 मार्च से शुरू होने की संभावना है जो मई के तीसरे सप्ताह तक चलेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी करीब 3 सप्ताह तक उपलब्ध नहीं रहेंगे जिसमें प्ले-ऑफ के मैच भी शामिल हैं।

17 और 18 दिसंबर को नीलामी 
इस बीच यह भी जानकारी मिली है कि आईपीएल के अगले एडिशन के लिए खिलाड़ियों की नीलामी इसी साल 17 और 18 दिसबंर को होगी। फ्रैंचाइजी टीमों को इस बारे में हाल में जानकारी दी गई है और बताया गया है कि ऑक्शन जयपुर में होगी।

साउथ अफ्रीका के प्लेयर 12 मई तक उपलब्ध 
ऐसी भी खबरें हैं कि साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी लीग में 12 मई तक उपलब्ध रहेंगे लेकिन इस पर कोई स्पष्ट सूचना नहीं है। यह भी खबर है कि लीग के अगले एडिशन का आयोजन साउथ अफ्रीका की मेजबानी में भी हो सकता है। बोर्ड को लीग ऑक्शन से पहले फ्रैंचाइजी टीमों को यह जानकारी देना जरूरी है कि मैच कहां-कहां खेले जाएंगे।

भारत में आयोजन पर अस्पष्टता 
नीलामी की तारीख के बाद कुछ फ्रैंचाइजी टीमों की अलग-अलग प्रतिक्रिया रही हैं। देश में अगले साल होने वाले आम चुनावों को देखते हुए यह भी स्पष्ट नहीं है कि आईपीएल का अगला एडिशन भारत में ही होगा या इसे साउथ अफ्रीका और यूएई में आयोजित किया जाएगा, जैसा 2014 में आम चुनावों के कारण हुआ था।

फ्रैंचाइजी टीम के एक अधिकारी ने कहा, 'हम चाहते हैं कि ऑक्शन तभी हो, जब जगह का पता चल जाए ताकि हम खिलाड़ियों को उस हिसाब से चुन सकें लेकिन बीसीसीआई को भी टाइमलाइन को देखना है।' एक अन्य अधिकारी ने कहा कि नीलामी कहां होगी, इसका पता तो बाद में ही लगेगा। हालांकि आम चुनावों को देखते हुए तारीख बाद में ही पता चल पाएगी।

महिंद्रा की नई एसयूवी Alturas G4 की बुकिंग शुरू

महिंद्रा ने जब से अपनी नई एसयूवी Mahindra Alturas G4 के बारे में घोषणा की है, तब से कार जगत में उसकी काफी चर्चा है। अब चर्चा है कि इसकी लॉन्चिंग 24 नवंबर को होगी

नई दिल्‍ली
महिंद्रा ने जब से अपनी नई एसयूवी Mahindra Alturas G4 के बारे में घोषणा की है, तब से कार जगत में उसकी काफी चर्चा है। अब चर्चा है कि इसकी लॉन्चिंग 24 नवंबर को होगी। कंपनी ने अभी से इसकी बुकिंग्‍स भी लेना शुरू कर दिया है। कंपनी ने इस नई एसयूवी को एक अलग नाम Alturas दिया है। माना जा रहा है कि महिंद्रा Alturas SUV लेटेस्ट जनरेशन SsangYong Rexton SUV पर बेस्ड है जो भारत में महिंद्रा XUV500 से ऊंचा मॉडल होगा।

Mahindra Alturas G4 दो वेरियंट में लॉन्‍च होगी। पहला वेरियंट लोअर-स्‍पेक G2 trim, 2WD है और दूसरा G4 4WD model है। इस एसयूवी में कंपनी 2.2 लीटर डीजल इंजन देगी। यह इंजन 180.5 एचपी पावर के साथ 450 न्‍यूटन मीटर टॉर्क जेनरेट करेगा। हालांकि इसमें कंपनी ने मैन्‍युअल गियर बॉक्‍स का ऑप्‍शन नहीं दिया है

Mahindra Alturas में मर्सिडीज की तरह 7 स्‍पीड ऑटोमेटिक गियर बॉक्‍स दिया है। जो कि मैन्‍युअल शिफ्टिंग पर काम करेगा। महिंद्रा ने इस SUV को बिल्कुल फ्रेश लुक दिया है जो नई Rexton की तरह दिखती है। हालांकि इसके ग्रिल को महिंद्रा फैमिली लुक दिया गया है। कंपनी ने फ्रेम कंस्‍ट्रक्‍शन में कुछ बदलाव के साथ इसे और अपग्रेड किया है। कंपनी ने इसे अपने नए फ्लैगशिप मॉडल के रूप में पेश किया है। कंपनी के करीबी सूत्र का कहना है कि Mahindra ने Alturas फाइनल नाम दिया है अपनी नई एसयूवी को। Alturas का अर्थ होता है ऊंचाई। माना जा रहा है कि इस नाम के साथ कंपनी एसयूवी के बाजार में नई ऊंचाइयां स्‍थापित करने के बारे में सोच रही है। Alturas Toyota Fortuner और Ford Endeavour जैसी कारों को टक्‍कर देने के बारे में सोच रही है।

कार के शौकीन लोगों ने नई Hyundai Santro का स्‍वागत बड़े जबर्दस्‍त तरीके से किया है। कार बाजार के विश्‍वस्‍त सूत्रों से खबर मिली है कि 4 नवंबर तक बुकिंग्‍स का आंकड़ा 30 हजार के पार जा चुका है। लोगों को Hyundai की यह स्‍मॉल हैचबैक काफी पसंद आ रही है। कंपनी ने 23 अक्‍टूबर को कार की ऑफिशल लॉन्चिंग से पहले ही 10 अक्‍टूबर को ऑनलाइन बुकिंग्‍स शुरू 

उसके बाद से लोगों ने नई Hyundai Santro में खासी दिलचस्‍पी दिखाई है। खास तौर पर लोगों को इसका ऑटोमेटिक वर्जन काफी पसंद आ रहा है। कुल बुकिंग्‍स में अकेले एएमटी वर्जन का हिस्‍सा 30 फीसदी है। यहां तक कि कंपनी के अपने अनुमान से भी बहुत ज्‍यादा है। कार यूजर्स को इसके सीएनजी वर्जन में भी इंट्रेस्ट शो कर रहे हैं। कंपनी को सीएनजी वर्जन की कुल 21 फीसदी बुकिंग्‍स मिली हैं। जबकि पेट्रोल वर्जन को सबसे ज्‍यादा 49 फीसदी बुकिंग्‍स मिली हैं।

इसके बेस वर्जन ट्रिम D-Lite की शुरुआत 3.89 lakh (एक्‍सशोरूम) हो रही है। इसका टॉप वर्जन Asta trim केवल पेट्रोल मैन्‍युअल में उपलब्‍ध है। पावर की बात करें, तो नई ह्यूंदै सैंट्रो में 1.1 लीटर 4-सिलिंडर पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो 69 PS की पावर और 99 Nm टॉर्क जनरेट करता है। सैंट्रो का सीएनजी मोटर 58 bhp की पावर और 84 nm टॉर्क जनरेट करता है। 

Monday, November 5, 2018

कश्मीरी छात्र के आईएस में शामिल होने की ख़बर पर मां-बाप हैरान: ग्राउंड रिपोर्ट

शुक्रवार की रात सोशल मीडिया पर छह मिनट का एक ऑडियो और एक तस्वीर वायरल हो गई.

इस तस्वीर में एक लड़का दिख रहा था. उसके जिस्म पर हथियार और बारूद बंधा हुआ था. बैकग्राउंड में कथित इस्लामिक स्टेट यानी आईएस का झंडा दिख रहा था.

वायरल हुई ये तस्वीर 19 बरस के एहतेशाम बिलाल की है. तस्वीर में उनके सिर पर काली पगड़ी बंधी है, जैसा कि कथित इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों के सिर पर दिखा करता है.

तस्वीर में पीछे जो झंडा दिख रहा है उस पर ISJK लिखा दिख रहा है.

इस तस्वीर पर एहतेशाम बिलाल लिखा हुआ है.

छह मिनट का जो ऑडियो वायरल हुआ वो उर्दू में है.

इस ऑडियो में एहतेशाम कश्मीर में इस्लामी हुकूमत कायम करने की बात करते हैं. साथ ही वो कुरान की कुछ आयतें भी पढ़ते हैं.

कौन हैं एहतेशाम?

भारत प्रशासित कश्मीर के खानयार इलाके के रहने वाले एहतेशाम बिलाल दिल्ली से सटे नोएडा की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में बीएमआईटी के छात्र हैं.

उनके पिता बिलाल अहमद सोफी की एहतेशाम से आखिरी बार 28 अक्तूबर 2018 को तब बात हुई थी जब एहतेशाम नोएडा में अपनी यूनिवर्सिटी से दिल्ली के लिए निकले थे. उसके बाद से उनका घरवालों से कोई संपर्क नहीं है.

बीती 4 अक्तूबर को यूनिवर्सिटी कैंपस में कुछ छात्रों ने यूनिवर्सिटी के कुछ अन्य छात्रों को कथित रूप से पीटा था जिसमें एहतेशाम भी घायल हो गए थे.

सदमे में हैं एहतेशाम के माता-पिता

एहतेशाम के गायब होने के बाद से उनकी मां इरफ़ाना बहुत बीमार हैं. दो दिन पहले जब वो श्रीनगर के प्रेस एनक्लेव में अपने परिवार के साथ प्रदर्शन करने आईं थीं तो उनके बाजू में ग्लूकोज़ की बोतल लगी थी. पिता बिलाल अहमद का भी तब से बुरा हाल है.

बिलाल अहमद पेशे से एक दुकानदार हैं. खानयार इलाके में उनकी अपनी दुकान है.

हालांकि एहतेशाम के पिता और मां वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनकी ख़ैर-ख़बर नहीं होने से बेहद परेशान हैं. उनका ये भी कहना है कि अगर एहतेशाम चरमपंथियों के साथ चला भी गया है तो हम उनसे अपील करते हैं कि वो घर वापस आ जाएं और सभी चरमपंथी संगठनों से अपील करते हैं कि उन्हें घर आने दिया जाए.

एहतेशाम की मां इरफ़ाना कहती हैं, "वो मेरे बेटे की आवाज़ नहीं है. क्या मैं नहीं जानती हूं कि मेरे बेटे की आवाज़ कैसी है. एहतेशाम जहां भी है, जिसके पास भी है, मैं सभी संगठनों से अपील करती हूं कि उसको छोड़ दिया जाए."

ये कहते-कहते वो रोने लगती हैं और फिर बोलती हैं, "एहतेशाम हमारे पूरे परिवार का इकलौता लड़का है. अगर वो वापस नहींआएगा, फिर हमारी देख-रेख कौन करेगा. मैं हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगती हूं... मेरे बेटे को छोड़ा जाए."

माता-पिता ने चरमपंथियों से की अपील
रोती बिलखती इरफ़ाना आगे कहती हैं, "मैं एहतेशाम से भी कहती हूं कि अगर मुझसे कोई ग़लती हो गई है तो मुझे माफ़ करो. एहतेशाम तुम लौट के वापस आ जाओ. हम सब तो जैसे मर ही गए हैं. अगर उसको कुछ हुआ तो यहां घर में कोई नहीं बच सकेगा. जिनके पास भी एहतेशाम है, वो एहतेशाम के साथ हमारे पास आए और हम सबको मार डालें और फिर वो फ़ैसला करें कि एहतेशाम के साथ क्या कर सकते हैं. मैं सबसे अपील करती हूं कि एहतेशाम को सुरक्षित घर वापस भेजें."

एहतेशाम के पिता बिलाल अहमद कहते हैं कि जिस क़िस्म की उर्दू ऑडियो क्लिप में है, वैसी उर्दू एहतेशाम नहीं बोल पाता है.

उन्होंने कहा, "नहीं, मुझे नहीं लगता है कि ये एहतेशाम का ऑडियो है. जैसे वो ऑडियो में बोल रहा है, वैसे तो एक स्कॉलर ही बोल सकता है या कोई मंझा हुआ सियासतदान. वो तो छोटा सा बच्चा है और ये इतनी लंबी स्पीच है, मुझे नहीं लगता कि ये एहतेशाम है."

बिलाल अहमद कहते हैं कि सोशल मीडिया कह रहा है कि मेरा बेटा चरमपंथी बन गया है, लेकिन मैं कहता हूं कि एहतेशाम का चरमपंथ की तरफ रुझान था ही नहीं.

बिलाल अहमद आगे कहते हैं, "खुदा करे, अगर एहतेशाम चरमपंथी बन भी गया है तो मैं आपके माध्यम से जिस किसी संगठन के पास भी वो है, उनसे अपील करता हूं कि वो उसको वापस भेजें. हम चार भाई हैं और हम चार भाइयों का ये एक ही लड़का है, चार माओं का एक ही लड़का है. हमारी हालात बहुत ख़राब है. मां भी तब से बीमार है, मैं भी बीमार हूं."